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10 Best place to visit in Daboh India

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भिण्ड जिले के 10 सबसे बड़े गाँव | Top 10 villages of Bhind District, Madhya Pradesh

दोस्तों,
आज आप सभी को भिण्ड जिले के क्षेत्रफल के हिसाब से 10 सबसे बड़े गाँवो के बारे में बताने जा रहे हैं, भिण्ड जिला भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक जिला है। आजादी के समय भिण्ड जिला मध्य भारत के 16 जिलों में से एक था, इसे सन 1956 में मध्य प्रदेश राज्य का हिस्सा मान लिया गया, कभी चंबल के डकैतों की वजह से जाने जाना वाला यह जिला, अब यहं के युवा भारत की सभी सेनाओं सबसे अधिक संख्या में शामिल होने वाले जिलों में से एक हैं |
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सत्रहवीं सताब्दी में बुंदेलखंड अत्यंत छोटे छोटे राज्यों में विभक्त
था। दतिया के भगवान राय के काल में (संवत १६२६-१६५६) समथर
राज्य अस्तित्व में आया। दतिया के महाराजा इन्द्रजीत सिंह के
शासन काल में समथर राजधर की उपाधि से गुर्जर राज्य की
स्थापना हुयी। मर्दन सिंह को समथर की किलेदारी सौपी गयी
और समथर स्टेट धीरे धीरे दतिया के अधीन सुद्रढ़ राज्य के रूप में
स्थापित हो गया। कई शासकों ने इस राज्य की प्रगति में
योगदान दिया। झाँसी गजेटियर के अनुसार, जो इस बात की
पुष्टि भी करता है कि समथर के स्वतंत्र राज्य की नीव चंद्रभान
वीर गुर्जर और उनके पोते मदन सिंह, दतिया के राजा के द्वारा
डाली गई थी। महाराजाओं के क्रम निम्नवत हैः
1- श्री नौने शाह (1735-1740)
2- श्री मदन सिंह जूदेव (1740-1745)
3- श्री राजधर विश्हना सिंह (1745-1790)
4- श्री राजा देवी सिंह जूदेव (1791-1800)
5- श्री राजा रणजीत सिंह (प्रथम) (1800-1815)
6- श्री राजा रणजीत सिंह (द्वितीय) (1815-1827)
7- श्री महाराजा हिन्दू पति जूदेव (1827-1858)
8- श्री महाराजा चतुर सिंह जूदेव (1865-1896)
9- श्री महाराजा वीर सिंह जूदेव (1896-1935)
10- श्री महाराजा राधाचरण सिंह जूदेव (1935-1947)
11- श्री महाराजा रणजीत सिंह जूदेव (तृतीय ) (1947-
अद्यतन
''सम्प्रति महाराजा रणजीत सिंह जूदेव जी भारतीय राजनीति
में प्रमुख स्थान रखते हैं और आप भारत सरकार के गृह राज्य मंत्री
सहित विभिन्न सम्मानित राजनीतिक पदों को सुशोभित कर
चुके हैं, कर रहे हैं ।''
विशेष :- 1858 से 1865 के मध्य में समथर राज्य के युवराज शीघ्र..........
इतिहास - झाँसी क्रांति के समय में समथर राज्य अंग्रेजों के
अधीन था। झाँसी क्रांति के पूर्व से ही समथर राज्य मराठों की
उदीयमान शक्ति का सहयोगी रहा है, चूकि झाँसी राज्य
मराठों के सम्बंधित था। इसलिए समथर राज्य किसी प्रकार से
झाँसी की महारानी का विरोध नहीं करना चाहता था। समथर
राज्य के महाराजा भी कट्टर भारतीयता से ओत प्रोत थे, और
उन्होंने मराठों का साथ पकड़ा, किसी मुगल बादशाह का नहीं।
जबकि बांदा, अवध आदि के नवाबों ने मुगलों का साथ दिया
था। १८५७ की क्रांति के समय समथर में महाराजा महाहिंदुपति
का शासन था, जो अवयस्क थे और शासन का भार राजमाता पर
था। कुशल दीवान घाटमपुर वाले उनके सहयोगी थे, महारानी
लक्ष्मीबाई झाँसी से कालपी के लिए समथर राज्य से होकर
गुजरी थी तथा समथर राज्य के दतावली गाव में रुकी थीं। इस
प्रकार समथर महान गुर्जर योद्धाओं के अधीन एक रियासत थी।
पूर्व में स्थित समथर, समथर गढ़ के रूप में जाना जाता था।
समथर एक कस्बा है और उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक नगर
पालिका है।

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#samthar_fort (समथर का किला) with यश चौरसिया

next part -
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सत्रहवीं सताब्दी में बुंदेलखंड अत्यंत छोटे छोटे राज्यों में विभक्त था। दतिया के भगवान राय के काल  में (संवत १६२६-१६५६) #समथर राज्य अस्तित्व में आया। दतिया के महाराजा इन्द्रजीत सिंह के शासन काल में समथर राजधर की उपाधि से गुर्जर राज्य की स्थापना हुयी। मर्दन सिंह को समथर की किलेदारी सौपी गयी और समथर स्टेट धीरे धीरे दतिया के अधीन सुद्रढ़ राज्य के रूप में स्थापित हो गया। कई शासकों ने इस राज्य की प्रगति में योगदान दिया। झाँसी गजेटियर के अनुसार, जो इस बात की पुष्टि भी करता है कि समथर के स्वतंत्र राज्य की नीव चंद्रभान वीर गुर्जर और उनके पोते मदन सिंह, दतिया के राजा के द्वारा डाली गई थी।   महाराजाओं के क्रम निम्नवत हैः

 1-   श्री नौने शाह                                            (1735-1740)
 2-   श्री मदन सिंह जूदेव                                  (1740-1745)
 3-   श्री राजधर विश्हना  सिंह                              (1745-1790)
 4-   श्री राजा देवी सिंह जूदेव                            (1791-1800)
 5-   श्री राजा रणजीत सिंह (प्रथम)                   (1800-1815)
 6-   श्री राजा रणजीत सिंह (द्वितीय)                 (1815-1827)
 7-   श्री महाराजा हिन्दू पति जूदेव                    (1827-1858)
 8-   श्री महाराजा चतुर सिंह जूदेव                   (1865-1896)
 9-   श्री महाराजा वीर सिंह जूदेव                     (1896-1935)
10-   श्री महाराजा राधाचरण सिंह जूदेव             (1935-1947)11-  श्री महाराजा रणजीत सिंह जूदेव (तृतीय )  (1947- अद्यतन 
 ''सम्प्रति महाराजा रणजीत सिंह जूदेव जी भारतीय राजनीति में प्रमुख स्थान रखते हैं और आप भारत  सरकार के गृह राज्य मंत्री सहित विभिन्न सम्मानित राजनीतिक  पदों को सुशोभित कर चुके हैं, कर रहे हैं ।''

विशेष :-     1858 से 1865 के मध्य में समथर राज्य के युवराज शीघ्र ..........
इतिहास - झाँसी क्रांति के समय में समथर राज्य अंग्रेजों के अधीन था। झाँसी क्रांति के पूर्व से ही समथर राज्य मराठों की उदीयमान शक्ति का सहयोगी रहा है, चूकि झाँसी राज्य मराठों के सम्बंधित था। इसलिए समथर राज्य किसी प्रकार से  झाँसी की महारानी का विरोध नहीं करना चाहता था। समथर राज्य के महाराजा भी कट्टर भारतीयता से ओत प्रोत थे, और उन्होंने मराठों का साथ पकड़ा, किसी मुगल बादशाह का नहीं। जबकि बांदा, अवध आदि के नवाबों ने मुगलों का साथ दिया था। १८५७ की क्रांति के समय समथर में महाराजा महाहिंदुपति का शासन था, जो अवयस्क थे और शासन का भार राजमाता पर था। कुशल दीवान घाटमपुर वाले उनके सहयोगी थे, महारानी लक्ष्मीबाई झाँसी से कालपी के लिए समथर राज्य से होकर गुजरी थी तथा समथर राज्य के दतावली गाव में रुकी थीं। इस प्रकार समथर महान गुर्जर योद्धाओं के अधीन एक रियासत थी। पूर्व में स्थित समथर, समथर गढ़ के रूप में जाना जाता था।         समथर एक कस्बा है और उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक नगर पालिका है। भारत की जनगणना 2001 में समथर की आबादी 20,227 थी। पुरुषों और महिलाओं की जनसंख्या 47% से 53% . समथर की साक्षरता दर औसत 55% है, 59.5% की राष्ट्रीय औसत से कम है। पुरुष साक्षरता 66% है, और महिला साक्षरता 43% है। यहाँ सभी धर्म के लोग मिल जुलकर परस्पर सद्भाव से सभी त्यौहार मानते है। यहाँ मंदिरों, मस्जिदों की संख्या काफी ज्यादा है। राजमंदिर सुखदैनी माता का मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, स्यामदास जी का मंदिर, धनुषधारी का मंदिर ,अग्गा के हनुमान जी , तथा लंका पलंग हनुमान मंदिर आदि है।  नगर में रामनवमी और होली पर प्रति वर्ष दो कवि सम्मलेन होते है।किलाः यहाँ अत्यंत विशाल किला है। 

राज महल-यह महल किले में है जो अभी आम लोगो के लिए खुला नहीं है। इसमें  तत्कालीन महाराजा साहब का निवास है । 

आवागमनः  #झांसी से तकरीबन ७० किलोमीटर दूर है और दिल्ली से यहां भोपाल शताब्दी के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता है। अगर आप कार खुद ड्राइव कर रहे हैं, तो रास्ता पूछकर चलना ही बेहतर रहेगा।

वायु मार्गः नजदीकी हवाई अड्डा खजुराहो है जो 163 किमी. की दूरी पर है। यह एयरपोर्ट दिल्ली, वाराणसी और आगरा से नियमित फ्लाइटों से जुड़ा है।

रेल मार्ग- झांसी नजदीकी रेल मुख्यालय है। दिल्ली, आगरा, भोपाल, मुम्बई, ग्वालियर आदि प्रमुख शहरों से झांसी के लिए अनेक रेलगाडियां हैं। वैसे मोठ तक भी रेलवे लाइन है जहां पैसेन्जर आदि ट्रेनों से पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग- समथर झांसी-कानपूर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-25 पर स्थित है। नियमित बस सेवाएं मोठ को  झांसी और कानपूर से को जोड़ती हैं। मोठ से समथर 14 किलोमीटर है। झाँसी के लिए दिल्ली, आगरा, भोपाल, ग्वालियर और वाराणसी से नियमित बसें चलती हैं।
सन्दर्भ -लेख वीर वाणी २००९-२०१० राजकीय इंटर कालेज समथर पत्रिका, उदिता 1997-2009 राजकीय डिग्री कालेज समथर पत्रिका, झाँसी गजेटियर और जनश्रुति पर आधारित है । #समथर_का_किला
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Dangerous Korang Bridge☠ I Chilla Gah Hazrat Imam Bri Sarkar I Train Tunnel Full Guide

This video made for train lover and for adventurous peoples.In this there is little bit information about Hazrat Imam Bri Chilla Gah and tunnel

15 August Celebrate // Ziya Talent Universe D Y School Samthar (Jhansi)

Manager = Mr Manzar khan
Principal = Mr Deepak Sir
Place = Moh Khan Bhadur Samthar
Class Play to 10 CBSE Board
Thanks for watching
Happy Independence Day

25 लाख क़ीमत के गुम हुए मोबाइल पुलिस ने लौटाए..#gwalior #GwaliorBreaking #exclusive #madhyapradesh

लगभग 25 लाख क़ीमत के एक सौ ग्यारह मोबाइल आज होली के दिन ग्वालियर पुलिस ने उनके धारकों को लौटाए, मोबाइल प्राप्त कर धारकों ने पुलिस का किया धन्यवाद
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#gwalior #GwaliorBreaking #exclusive #madhyapradesh #viralnews

Vistage Penang VEE37 Aceh Retreat 14-16 July 2011

Another retreat, The Tsunami Experience, in Aceh as follow up to last year's retreat to Phuket, another tsunami place, also follow up to previous year's retreat to Malihom, Balik Pulau, also another 25 December 2004 tsunami place.
7 years after today, Aceh has developed tremendously with international help.

palu baru DEDI IRAWAN #1

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